जीत का इरादा
जब जीवन में कठिनाईयों का अंधेरा घिरता है, तभी उजाले की तलाश सच्ची होती है। जीवन की हर कठिनाई एक नई सीख देती है और हमें हमारी सीमाओं से परे जाने का हौसला देती है। यही हौसला हमें हमारे लक्ष्यों तक पहुँचने में मदद करता है। इस कविता में हम उन्हीं संघर्षों और सपनों की बात करेंगे जो हमें हमारे लक्ष्य तक पहुँचाते हैं।
कविता
धूप-छाँव का ये खेल निराला,
हर कठिनाई में छिपा उजाला।
संघर्षों की राह पर चलो निरंतर,
कभी न हारो, रखो संकल्प अडिग।
जब जीवन में आए ठोकरें भारी,
तब समझो मंज़िल है नजदीक सारी।
हर कठिनाई को करो गले,
उसके पार है सपनों का ताज।
राह में आएगी रात काली,
तब भी न डरना, रखना हिम्मत वाली।
सितारे बनेंगे साथी तुम्हारे,
हर कदम पर मिलेंगे नए सहारे।
अपनी मंज़िल को ध्यान में रखो,
हर कठिनाई से ना भागो, डट कर सको।
जीत उन्हीं की होती है सच्ची,
जो न रुके, न थके, न झुके कभी।
हर सपने को साकार करो,
अपनी मेहनत से हर हार को पार करो।
जब संघर्ष का हो सामना,
तब हौंसले को साथी बना।
अंधेरों में भी उजाला ढूँढो,
हर मुश्किल में नया रास्ता ढूँढो।
हार को नहीं मानो कभी,
संघर्ष की राह पर बढ़ते चलो अभी।
अपने सपनों को सच करो,
हर मुश्किल को मात देकर मंज़िल तक पहुँचो।
रखो विश्वास खुद पर,
संघर्ष की राह पर ही है जीत का सागर।
निष्कर्ष
संघर्ष की राह कभी आसान नहीं होती, लेकिन वही राह हमें हमारी मंज़िल तक ले जाती है। हमें अपने हौंसले को कभी टूटने नहीं देना चाहिए और हर कठिनाई का सामना करना चाहिए। इसी तरह, हमारे सपने साकार होंगे और हम अपनी मंज़िल को पा सकेंगे।