एक नया सवेरा
एक नया सवेरा राहों में काँटे बिछे हैं, तो क्या हुआ, सपनों की उड़ान से डरते नहीं। मुश्किलों की चादर ओढ़ी है हमने, हौसलों के बल पर झुकते नहीं। समान की ऊंचाइयों को छूना है, नीचे गिरने का ग़म नहीं। कदम-कदम पर अड़चनें हैं बहुत, मगर हमें रुकना नहीं। हर मोड़ […]
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