Success Motivational poems in Hindi for Students: जीवन के महत्वपूर्ण सबक और हौसला बढ़ाने वाली 10 सर्वश्रेष्ठ कविताएँ
आज की तेज़-तर्रार दुनिया में, प्रेरणा और सकारात्मकता के क्षण ढूंढ़ना बहुत जरूरी है, ताकि हम अपने उत्साह और दृढ़ता को बनाए रख सकें। जो लोग शब्दों की खूबसूरती और प्रेरणा की शक्ति की सराहना करते हैं, उनके लिए हिंदी की प्रेरणादायक कविताएँ एक अनोखा स्रोत हैं। ये कविताएँ केवल शब्दों का संग्रह नहीं हैं, बल्कि ये ज्ञान, प्रोत्साहन, और जीवन के महत्वपूर्ण सबक से भरी हुई होती हैं। इस लेख में, हमने हिंदी की 10 सर्वश्रेष्ठ प्रेरणादायक कविताएँ संकलित की हैं जो आपको जीवन की चुनौतियों का सामना करने और अपने भीतर की ताकत को खोजने के लिए प्रेरित करेंगी।
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जीवन का महत्व समझें
जीवन एक यात्रा है जिसमें उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन हर अनुभव हमें कुछ न कुछ सिखाता है। जीवन के हर पल का महत्व समझना हमारे नजरिए को बदल सकता है। “जीवन का महत्व समझें” कविता हमें यह सिखाती है कि कैसे हम हर परिस्थिति से कुछ सीख सकते हैं और अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ सकते हैं। इस कविता के माध्यम से आप जीवन की सच्चाईयों को समझ पाएंगे और अपनी आत्मशक्ति को पहचानने का अवसर मिलेगा।
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हौसला कैसे बढ़ाएं
हौसला एक ऐसी शक्ति है जो हमें विपरीत परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। “हौसला कैसे बढ़ाएं” कविता हमें यह समझाती है कि मुश्किल समय में भी हमें अपने हौसले को कमजोर नहीं पड़ने देना चाहिए। कविता के शब्द हमें याद दिलाते हैं कि किसी भी विपत्ति के समय, हमारा हौसला ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।
Motivational poems in Hindi – मोटिवेशनल पोएम इन हिंदी में
छोटे कदम भी मंजिल तक पहुँचाते हैं,
हौसला रखो, ये ही जीत दिलाते हैं।
कोशिशें कभी बेकार नहीं जातीं,
मेहनत के फूल सदा मुस्कुराते हैं।
हर मुश्किल के पीछे छिपी होती है,
एक नयी उम्मीद की किरण।
धैर्य रखो, संघर्ष करो,
जीत तुम्हारे कदम चूमेगी हर क्षण।
कभी हार मत मानो जीवन की राह में,
हर कदम पर है नई मंजिल इंतजार में।
सपनों को सच करने का जज़्बा रखो,
जीत होगी तुम्हारी, यही सच है प्यार में।
जीवन की परीक्षा है मुश्किलों का सामना,
हिम्मत से आगे बढ़ो, सफलता है यहाँ आना।
जो धैर्य और मेहनत से लगे रहते हैं,
वही जीत के अधिकारी होते हैं।
हर गिरावट है सीखने का मौका,
हर दर्द में छुपा है जीवन का धोका।
हर कदम पर खुद को संवारो,
अपने सपनों की उड़ान भरो।
अगर करना है कुछ बड़ा,
तो छोटी सोच को छोड़ना होगा।
सपनों के पंख फैलाकर,
मेहनत का आसमान छूना होगा।
जीत उन्हीं की होती है,
जो हार नहीं मानते।
कदम कदम पर मुश्किलें आती हैं,
पर वे हारकर भी मुस्कुराते हैं।
हर सुबह एक नया मौका है,
खुद को साबित करने का।
चुनौतियों से डरना कैसा,
ये वक्त है अपने हुनर को दिखाने का।
जो लोग समय को समझते हैं,
वही जिंदगी का असली स्वाद चखते हैं।
मेहनत का फल मीठा होता है,
बस इसे धैर्य के साथ चखते हैं।
हार को भी मुस्कान में बदलो,
संघर्ष को अपनी पहचान बना लो।
कोई मुश्किल नहीं जो हरा सके तुम्हें,
अपने हौसले की उड़ान में खो जाओ।
UPSC प्रेरणादायक कविता- Motivational poems in Hindi
“संघर्ष की लौ से सफलता का दीप”
सपनों की उड़ान है, हौसलों का नाम UPSC,
मेहनत की इस राह में, चाहिए संकल्प की कसम।
मुश्किलें आएंगी, राहें भी डगमगाएंगी,
पर जो ना रुके, वही मंज़िल तक जाएंगे।
रातों की नींद छोड़, किताबों से दोस्ती करो,
असफलताओं से सीख लो, खुद पर यकीन करो।
एक दिन सूरज भी सलाम करेगा,
जब सफलता का परचम ऊँचा लहराएगा।
धैर्य और मेहनत ही असली हथियार है,
UPSC का सपना बस उनका साकार है।
जो न रुके, न झुके, जो बस आगे बढ़ते रहे,
अपने इरादों से हर मुश्किल को मिटाते रहे।
मेहनत का सूरज
रातों की नींद भूले जो, मंज़िल उन्हीं को मिलती है,
कदम बढ़ाकर जो न रुके, उनकी तक़दीर बदलती है।
एक दिन वो अफसर बनते हैं, जिनका जुनून अलग होता है,
मेहनत के दीप से ही तो, सफलता का सूरज खिलता है।
हार नहीं मानूंगा
चलो फिर से किताबें उठाते हैं, फिर से एक जंग लड़ते हैं,
हार नहीं मानेंगे हम, जब तक मंज़िल तक न बढ़ते हैं।
हर मुश्किल को अपना साथी बना, बढ़ते रहो उस डगर पर,
UPSC की इस जंग में, एक दिन नाम होगा शिखर पर।
जोश और जज़्बा
जोश है, जज़्बा है, कुछ कर दिखाने की आग है,
UPSC की राहों में, संघर्ष ही सच्ची भाग्य है।
रुकना नहीं, थकना नहीं, जब तक लक्ष्य न पा लो,
इतिहास में नाम दर्ज होगा, जब खुद को साबित कर लो।
अफसर बनने की राह
खुद से एक वादा करो, जो चाहा है, वो पाओगे,
मेहनत से पीछे न हटोगे, हर मुश्किल से टकराओगे।
एक दिन लहराएगा तिरंगा, जब अफसर बन जाओगे,
देश सेवा का सपना पूरा कर, सच्ची मिसाल बन जाओगे।
सफलता की चाबी
संघर्ष जितना कठिन होगा, जीत उतनी शानदार होगी,
जो गिरकर उठ न सके, उसकी हार पहले से तैयार होगी।
अगर चाहते हो UPSC की दौड़ में विजेता बनना,
तो मेहनत, धैर्य और अनुशासन को अपनी ताकत करना।
“संघर्ष जितना बड़ा होगा, जीत उतनी शानदार होगी,
हौसला रख, मेहनत कर, एक दिन तेरी भी जय-जयकार होगी!”
मैथिलीशरण गुप्त का जीवन परिचय
मैथिलीशरण गुप्त का जन्म 3 अगस्त 1886 को उत्तर प्रदेश के झाँसी ज़िले के चिरगाँव नामक स्थान पर हुआ था। वे हिंदी के प्रसिद्ध कवि और भारतीय राष्ट्रवाद के प्रमुख प्रवक्ताओं में से एक थे। उनकी रचनाएँ राष्ट्रीय भावना, सामाजिक सुधार और भारतीय संस्कृति के उत्थान को दर्शाती हैं। वे खड़ी बोली हिंदी के प्रथम प्रमुख कवि माने जाते हैं और उनकी कविताओं में देशभक्ति, भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक घटनाओं का प्रभाव देखा जाता है। उन्हें हिंदी साहित्य में ‘राष्ट्रकवि’ की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
उन्होंने ‘भारत-भारती’, ‘साकेत’, ‘यशोधरा’, ‘जयद्रथ वध’ आदि प्रसिद्ध काव्य रचनाएँ लिखीं। उनकी भाषा सरल, स्पष्ट और प्रभावशाली थी, जिसमें ओज और माधुर्य का सुंदर समन्वय था। 12 दिसंबर 1964 को उनका निधन हो गया।
मैथिलीशरण गुप्त की कविताएं
साकेत (प्रसिद्ध कविता)
1.उर्मिला का विरह
सीता के संग राम चले जब,
लक्ष्मण भी संग-संग गए तब।
किन्तु छोड़कर उर्मिला को,
जंगल की ओर बढ़े थे जब॥
कैसा यह अन्याय प्रबल था,
कैसा यह वनवास अमल था?
संग गए प्रिय संगिनी के,
पर उर्मिला का क्या हल था?
रही अकेली राजमहल में,
पर मन था वन-वन में पल में।
प्रियतम की सुध-बुध में उलझी,
आँखें झरती जल के छल में॥
पर उर्मिला ने धैर्य न खोया,
विरह वेदना में भी रोया।
निज धर्म निभाने को वह,
रही अडिग, दुख में भी सोया॥
भावार्थ:
इस कविता में उर्मिला के त्याग और धैर्य को दर्शाया गया है। जब लक्ष्मण अपने भ्राता राम के साथ वनवास गए, तब उर्मिला अकेली रह गईं। वे भी चाहती थीं कि वे अपने पति के साथ जाएँ, परंतु अपने कर्तव्य और मर्यादा के कारण वे महल में ही रहीं। उनके प्रेम और त्याग को कवि ने बड़ी भावनात्मक अभिव्यक्ति दी है।
निष्कर्ष:
इस कविता से हमें यह शिक्षा मिलती है कि त्याग और धैर्य सबसे बड़ी शक्ति होती है। उर्मिला का प्रेम और समर्पण यह दर्शाता है कि जो व्यक्ति कर्तव्यनिष्ठ होता है, वह हर कठिनाई को सहन कर सकता है।
भारत-भारती (पूर्ण कविता )
जागो फिर एक बार!
उठो धरा के वीर पुत्र हो,
फिर से वह हुंकार भरो।
भारत माता की संताने,
फिर नव आशा संचार करो॥
जो सोते हो निज वैभव को,
कबतक ऐसे खोते रहोगे?
क्या अपने स्वर्णिम अतीत को,
बस स्मृतियों में रोते रहोगे?
हुआ समय अब जाग जाने का,
उन्नति का नव गीत गाने का।
भारत माता की सेवा में,
सब कुछ न्योछावर कर जाने का॥
राणा, शिवा, सुभाष को देखो,
कैसे निज स्वत्व संभाला था?
क्या तुम भी वैसे ही वीर बनो,
या सब कुछ माटी में डाला था?
भावार्थ:
यह कविता भारतीयों को अपने अतीत की याद दिलाती है और उन्हें अपने गौरव को पुनः प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है। मैथिलीशरण गुप्त ने भारतीयों में देशभक्ति और आत्मसम्मान की भावना भरने के लिए यह कविता लिखी थी।
निष्कर्ष:
इस कविता से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने देश की उन्नति के लिए सदैव प्रयासरत रहना चाहिए। हम अगर अपने गौरव को पहचान लें और मेहनत करें, तो भारत फिर से विश्वगुरु बन सकता है।
अटल बिहारी वाजपेयी – Atal bihari vajpayee
परिचय
अटल बिहारी वाजपेयी भारत के महान नेता, ओजस्वी वक्ता और उत्कृष्ट कवि थे। वे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रमुख स्तंभों में से एक थे और तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। उनका जन्म Atal bihari vajpayee birthday 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम कृष्ण बिहारी वाजपेयी और माता का नाम कृष्णा देवी था।
Atal bihari vajpayee medical university – अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी
अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी (ABVMU) उत्तर प्रदेश राज्य की एक प्रतिष्ठित चिकित्सा विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और विस्तार करने के उद्देश्य से की गई थी। यह विश्वविद्यालय लखनऊ, उत्तर प्रदेश में स्थित है।
विशेषताएँ:
इस विश्वविद्यालय से राज्य के सभी मेडिकल, डेंटल, नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेज संबद्ध हैं।
चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए उच्च स्तरीय सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
यहाँ एमबीबीएस, बीडीएस, एमडी, एमएस, नर्सिंग और पैरामेडिकल पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं।
विश्वविद्यालय का नाम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के सम्मान में रखा गया है, जिन्होंने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
उद्देश्य:
उत्तर प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना।
चिकित्सा अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करना।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाना और आधुनिक चिकित्सा तकनीकों का विकास करना।
राजनीतिक जीवन:
अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े और 1951 में जनसंघ के संस्थापक सदस्य बने। उन्होंने भारतीय राजनीति में लंबा सफर तय किया और 1996, 1998 तथा 1999 में भारत के प्रधानमंत्री बने। उनके कार्यकाल में भारत ने पोखरण परमाणु परीक्षण (1998) किया, जिससे देश की शक्ति बढ़ी।
कवि के रूप में योगदान:
अटल जी सिर्फ एक राजनेता ही नहीं, बल्कि एक महान कवि भी थे। उनकी कविताएँ आत्मविश्वास, राष्ट्रभक्ति और जीवन के संघर्षों को दर्शाती हैं। उनकी प्रमुख कविताएँ हैं –
“हार नहीं मानूंगा”
“कदम मिलाकर चलना होगा”
“झुक नहीं सकते”
सम्मान और निधन:
उन्हें भारत रत्न (2015) और पद्म विभूषण (1992) से सम्मानित किया गया। 16 अगस्त 2018 को 93 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।
अटल बिहारी वाजपेयी की प्रेरणादायक कविताएँ – Atal bihari vajpayee poems
हार नहीं मानूंगा
न मैं चुप हूँ, न मैं तेरा हूँ,
न किसी और का फ़क़त सहारा हूँ,
अंधेरी रातों में जलने वाला,
मैं खुद अपना एक सितारा हूँ।
हार नहीं मानूंगा,
रार नहीं ठानूंगा,
काल के कपाल पर
लिखता-मिटाता हूँ,
गीत नया गाता हूँ।
भावार्थ:
इस कविता में अटल बिहारी वाजपेयी जी ने आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प को व्यक्त किया है। जीवन में कठिनाइयाँ आती रहती हैं, लेकिन हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। हमें अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना चाहिए और सफलता प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।
निष्कर्ष:
यह कविता हमें सिखाती है कि चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएँ, हमें हार नहीं माननी चाहिए। अगर हम आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते रहेंगे, तो सफलता निश्चित रूप से मिलेगी।
अटल बिहारी वाजपेयी – Atal bihari vajpayee poems
कदम मिलाकर चलना होगा
बढ़े चलो कि मंज़िल दूर नहीं,
थके नहीं, रुके नहीं,
अंधियारे को चीर के रखना,
सूरज बनकर चमकना होगा।
कदम मिलाकर चलना होगा।
बाधाएँ आएँ, विपदाएँ घेरें,
हम न झुकेंगे, हम न रुकेंगे,
संघर्षों से घबराए जो,
वो इतिहास नहीं लिख पाए जो।
कदम मिलाकर चलना होगा।
पथ कंटकयुक्त भले ही हो,
लेकिन पीछे हटना मना है,
संकल्प हमारा दृढ़ रहेगा,
जयभारत का नारा गुंजेगा।
कदम मिलाकर चलना होगा।
यदि लक्ष्य बड़ा है, पथ कठिन है,
तो क्यों घबराएँ, क्यों रुकें,
हम बढ़ेंगे, हम लड़ेंगे,
जब तक साँसें चलेंगी।
कदम मिलाकर चलना होगा।
भावार्थ:
इस कविता में अटल बिहारी वाजपेयी जी ने संघर्ष, साहस और एकता का संदेश दिया है। जीवन में कई कठिनाइयाँ आएँगी, लेकिन हमें डरकर पीछे नहीं हटना चाहिए। आत्मविश्वास और संकल्प के साथ आगे बढ़ते रहना ही सफलता की कुंजी है।
निष्कर्ष:
यह कविता हमें प्रेरित करती है कि हमें हर परिस्थिति में धैर्य, हिम्मत और एकजुटता के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना चाहिए। अगर हम एकजुट होकर मेहनत करेंगे, तो निश्चित ही सफलता प्राप्त करेंगे।
अटल बिहारी वाजपेयी – Atal bihari vajpayee poems
झुक नहीं सकते
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार,
इस अंधेरे में ही खोजेगा सूरज नया प्रकार।
पर्वत की ऊँचाई पर चढ़,
अपने पथ को साधे रखना,
चट्टानों से टकराकर,
जलधारा को आगे बढ़ने देना।
संकटों से डरकर पीछे हटना,
यह हमारी नीति नहीं,
संघर्ष पथ पर जो बढ़ निकला,
वह कभी पराजित नहीं।
अग्निपथ पर चलते-चलते,
शोलों से खेलना होगा,
कदम-कदम पर बलिदान देकर,
जीत का सूरज उगाना होगा।
जब तक साँसें चलेंगी,
जब तक रक्त बहेगा,
झुक नहीं सकते, रुक नहीं सकते,
जय भारत माँ कहेंगे।
भावार्थ:
इस कविता में अटल बिहारी वाजपेयी ने संघर्ष और साहस की भावना को उजागर किया है। जीवन में कई कठिनाइयाँ आएँगी, लेकिन हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। हमें अंधकार से लड़ते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना चाहिए।
निष्कर्ष:
यह कविता हमें सिखाती है कि जीवन में कठिनाइयों से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उनका डटकर सामना करना चाहिए। अगर हम दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास से आगे बढ़ेंगे, तो जीत हमारी होगी।
जीवन में प्रेरणादायक कविताओं का महत्व
प्रेरणादायक कविताएँ हमें जीवन में आगे बढ़ने की शक्ति और प्रेरणा देती हैं। ये कविताएँ न केवल हमारे अंदर छिपी हुई संभावनाओं को जागृत करती हैं, बल्कि हमारे जीवन के कठिन पलों में भी हौसला बनाए रखने में मदद करती हैं। जब हम जीवन के संघर्ष और चुनौतियों का सामना करते हैं, तो ये कविताएँ हमें याद दिलाती हैं कि हर कठिनाई के बाद एक नई सुबह होती है। जीवन में प्रेरणादायक कविताओं की आवश्यकता इसलिए होती है ताकि हम कभी भी हार न मानें और हमेशा अपने लक्ष्यों की ओर अग्रसर रहें।
हर कविता हमें यह सिखाती है कि चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों, हमें हिम्मत और धैर्य के साथ आगे बढ़ना चाहिए। जीवन में आने वाले हर संघर्ष को एक अवसर के रूप में देखना चाहिए और कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। प्रेरणादायक कविताएँ हमें याद दिलाती हैं कि हर कठिनाई के पीछे एक नया अवसर छिपा होता है, और हमें उसे पहचानकर आगे बढ़ने की जरूरत होती है।
याद रखिए, जीत उन्हीं की होती है जो हार नहीं मानते।