एक नया सवेरा
राहों में काँटे बिछे हैं, तो क्या हुआ,
सपनों की उड़ान से डरते नहीं।
मुश्किलों की चादर ओढ़ी है हमने,
हौसलों के बल पर झुकते नहीं।
समान की ऊंचाइयों को छूना है,
नीचे गिरने का ग़म नहीं।
कदम-कदम पर अड़चनें हैं बहुत,
मगर हमें रुकना नहीं।
हर मोड़ पर हमें रुकावटें मिलीं,
हमने हिम्मत से पार किया।
अंधेरी रात के बाद ही सवेरा है,
हमने हर दुख को सहन किया।
मुश्किलें हमें तोड़ नहीं सकतीं,
हमने खुद को हर बार बनाया।
जीवन की हर लड़ाई में जीत मिली,
हमने खुद पर ही विश्वास जगाया।
संघर्ष की राह में साथी बने,
हमने अपनी मेहनत को।
हर कदम पर हमने सीख लिया,
हार को भी जीत में बदलने का।
हमने गिरकर भी उठना सीखा,
हर कठिनाई को मात दी।
अपने सपनों को हकीकत में बदला,
और सबको ये बात दी।
मुश्किलों का सामना किया हमने,
हर दिन को एक नया नाम दिया।
अपने पंखों को और मजबूत किया,
और आसमान को अपना मकाम दिया।
हर रात के बाद एक नया सवेरा आता है,
हमने इस सत्य को जाना।
संघर्ष की राह पर चलते रहे,
और हर मुश्किल को हराना।
जिंदगी की इस राह पर हम बढ़ते रहे,
हर मोड़ पर एक नया सीख मिली।
हमने अपने सपनों को साकार किया,
और जिंदगी की हर मुश्किल को हरा लिया।
संघर्ष की राह में हमने खुद को पाया,
हर कदम पर हिम्मत से काम लिया।
मुश्किलों ने हमें मजबूत बनाया,
और हमने हर मुश्किल को मात दिया।