सपनों का सफर
अंधेरी रातें, ठंडी हवाएँ,
मन में उठती हैं शंकाओं की ध्वाएँ।
कदमों में भारीपन, दिल में डर,
पर देख, तुझमें है अदम्य शक्ति का भंडार।
कठिनाई की चट्टानें हों चाहे राह में,
हौसलों की पतवार बन जाएं तूफ़ान में।
न देख पीछे, न झुकाए सिर,
तूफानों से लड़, जीत की ओर बढ़।
जीवन के इस महासमर में,
हर मुश्किल को स्वीकार कर।
समझ ले कि हर परीक्षा,
तुझमें छिपी ताकत का इम्तिहान है।
सपनों के पीछे मत भाग,
सपनों को साकार करने का कर अभ्यास।
हर कदम पर मिलेगी कठिनाई,
पर इसी से बनेगी जीत की बुनियाद।
असफलता तेरा पीछा करेगी,
पर तू उसे अपना साथी बना ले।
सीख हर हार से, बढ़ता चल,
क्योंकि हर हार के बाद है सफलता का पल।
राहें होंगी कांटों भरी,
पैरों में चुभेंगे कांटे।
पर इन्हीं कांटों में छुपी है,
जीवन की असली मिठास।
रात चाहे कितनी ही काली हो,
सवेरा ज़रूर आएगा।
धैर्य रख, उम्मीद का दीप जलाए,
हर कठिनाई का हल मिल जाएगा।
तू खुद अपनी ताकत पहचान,
क्योंकि तेरे भीतर है एक चिंगारी।
जो बदल सकती है तेरा भविष्य,
बन सकती है तेरी जीत की सवारी।
मत डर अंधेरों से,
क्योंकि अंधेरा खुद घुटने टेक देगा।
अगर तेरे भीतर है जज़्बा,
तो हर मुश्किल तुझे सलाम करेगी।
ये जिंदगी एक संग्राम है,
और तू योद्धा है।
अपनी तलवार हौसले की उठा,
और जीत का परचम लहरा।
हर चोट, हर दर्द,
तुझे और मजबूत बनाएगा।
हर गिरावट, हर ठोकर,
तुझे अपनी राह दिखाएगा।
तो उठ, जाग, और चल,
क्योंकि मंजिल तेरा इंतजार कर रही है।
हर कठिनाई को अपना साथी बना,
और देख, तुझे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
आखिर में, यही है सत्य,
जीवन की हर परीक्षा तेरी हिम्मत को परखेगी।
लेकिन याद रख, तू अजेय है,
हर मुश्किल को पार कर, तू अपनी मंजिल तक पहुँचेगा।
“सपनों की उड़ान, हौसलों के पंखों पर निर्भर।”