गरीबी की लड़ाई: एक प्रेरणादायक कहानी

Motivational Story

गरीबी की लड़ाई: एक प्रेरणादायक कहानी

Hindi motivational Story

 

गाँव के एक छोटे से कच्चे मकान में, रामू और उसकी पत्नी सीता अपने दो बच्चों के साथ रहते थे। रामू मेहनती किसान था, लेकिन उसकी छोटी सी ज़मीन से परिवार का गुज़ारा मुश्किल से होता था। बारिश के मौसम में जब फसलें खराब हो जातीं, तो गरीबी और भी गहरी हो जाती थी।

 

एक दिन, रामू के बड़े बेटे राजू ने स्कूल से लौटकर अपने पिता से कहा, “पिताजी, हमारे स्कूल में एक प्रतियोगिता हो रही है। विजेता को छात्रवृत्ति मिलेगी। मैं भी भाग लेना चाहता हूँ।”

 

रामू ने अपने बेटे की आँखों में चमक देखी और सोचा, “शायद ये मौका हमारी किस्मत बदल दे।” लेकिन उसके पास राजू की प्रतियोगिता की तैयारी के लिए किताबें और साधन नहीं थे। उसने सीता से कहा, “हमारे पास कुछ पैसे बचे हैं। क्यों न हम उसे किताबें और साधन खरीदने में लगाएं?”

 

सीता ने सहमति में सिर हिलाया और कहा, “अगर हमारा बेटा सफल हो गया, तो हमारे सारे दुख मिट जाएंगे।”

 

राजू ने दिल से मेहनत की। उसने दिन-रात एक कर दिया। उसकी माँ सीता ने उसे खाना बनाकर दिया और रामू ने उसके लिए एक दीया जलाकर रखा ताकि वह रात में भी पढ़ सके। पूरे गाँव ने राजू की मेहनत को देखा और उसकी तारीफ की।

 

अंत में, प्रतियोगिता का दिन आ गया। राजू ने अपने दिल की सारी ताकत लगाकर प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। कुछ दिनों बाद, जब परिणाम घोषित हुए, तो राजू का नाम सबसे ऊपर था। उसने छात्रवृत्ति जीत ली थी।

 

गाँव में खुशी की लहर दौड़ गई। रामू और सीता की आँखों में आँसू थे, लेकिन ये आँसू खुशी और गर्व के थे। राजू ने गरीबी की बेड़ियों को तोड़ दिया था। उसने साबित कर दिया कि सच्ची मेहनत और लगन से किसी भी मुश्किल को हराया जा सकता है।

 

इस कहानी ने पूरे गाँव को प्रेरित किया। लोग अब अपने बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देने लगे और गरीबी के खिलाफ लड़ाई में जुट गए। राजू की सफलता ने सबको सिखाया कि चाहे कितनी भी कठिनाई हो, सच्ची मेहनत और लगन से हर सपना साकार किया जा सकता है।

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